ऋषिकेश में घूमने के लिए खास जगाहे - (Rishikesh me ghumne ke liye khash jagah)

 

ऋषिकेश के प्रमुख पर्यटन स्थल

ऋषिकेश कुदरत का दिया वह नायाब तोहफा जो की पुरे विश्व में भारत की पहचान है। ऋषिकेश का इतिहास साधु संत, ऋषि मुनियों एवं देवी देवताओं की कहानियों से जुड़ा हुआ है जैसे की इसका नाम है ऋषि केश अथवा यह स्थान हजारों ऋषि मुनियों की तपोभूमि रहा है। आज यह गंगा किनारे बसा हुआ शहर विश्व भर में योग की राजधानी के नाम से भी जाना जाता है जहाँ विश्वभर से लोग योग एवं ध्यान सीखने आते है जिनमे अधिकतर विदेशी पर्यटक यहाँ होते है।आप ऋषिकेश में एडवेंचर का भी पूरा मजा उठा सकते हैं। हर साल ऋषिकेश में लाखों पर्यटक घूमने आते हैं लेकिन हर किसी को नहीं पता होता कि ऋषिकेश सच में कितना खूबसूरत है।और यहां पर आप कौन कौन सी खूबसूरत जगहें देख सकते हो ऋषिकेश एक ऐसी जगह है, जिसके बारे में हर किसी ने एक न एक बार अपनी जिंदगी में जरूर सुना होगा और इसी लोकप्रियता की वजह से यहां पर हर साल लाखों पर्यटक घूमने भी आते हैं 

ऋषिकेश भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है जो की उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से मात्र 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह स्थान हरिद्वार के बाद दूसरा स्थान है जहाँ गंगा नदी पहाड़ों से उतरकर मैदानों में आकर मिलती है और अपनी लगभग 2600 किलोमीटर की यात्रा प्रारम्भ करती है। ऋषिकेश का ध्यान आते है मन हिलोरे लेने लगता है वहां के ऊँचे ऊँचे पहाड़ बहते झरने दूध जैसी नदिया विशाल मंदिर और शांतिप्रिय वातावरण किसी को भी मंत्रमुग्ध कर देता है। ऋषिकेश विश्व भर में रोमांचक पर्यटन गतिविधियों के लिए भी ख़ास स्थान है जहाँ का खुशनुमा वातावरण और सदाबहार मौसम आपको जन्नत की सेर का एहसास करता है। आइये इस लेख के माध्यम से आपको ऋषिकेश के कुछ रोमांचक पर्यटक स्थलों की सैर पर लेकर चलते है।

अगर आप लोग भी ऋषिकेश जाने की योजना बना रहे हो या कभी भी ऋषिकेश जाओ। तो ऋषिकेश की इन खास खूबसूरत पर्यटक स्थलों पर जाना बिल्कुल ना भूले।


राम झूला -ऋषिकेश

राम झूला ऋषिकेश का सबसे खास पर्यटन स्थल है क्यूंकि इसी जगह पर आपको ऋषिकेश के कई जाने माने पर्यटन स्थल मिल जायेंगे जैसे परमार्थ निकेतन , स्वर्ग आश्रम , चौरासी कुटिया , ऋषिकेश का मिनी गोवा , गीता भवन तो देखा इतने सारे टूरिस्ट स्पॉट आपको इसी प्रसिद्ध झूले के पास मिल जायेंगे | इस झूले को शिवानन्द झूला भी कहा जाता क्यूंकि यह झूला शिवानन्द आश्रम के सामने बना हुआ है आप मान के चलिए गंगा जी के इस पार शिवानन्द आश्रम और दुसरे पार स्वर्ग आश्रम इन दोनों पवित्र आश्रमों को जोड़ता है | इस झूले पर दोपहिया वाहन भी चलते है जब आप राम झूला पर चलते हो तब यह हिलता हुआ प्रतीत होता है सच में एक बेहद उत्कृष्ट उदहारण है यह विज्ञानं की तकनीकी का दूर-दूर से लोग इसे देखने आते है | जब आप राम झूला पर होते हो तो झूले से नीचे देखोगे तो पावन माँ गंगा कलकल करती हुई बहती हुई दिखाई देती है जो की सच में अत्यंत सुन्दर लगता है ऊपर से हरे भरे पहाड़ बस आँखों को सकून मिल जाता है | आप कभी भी ऋषिकेश आये तो कृपया राम झूले के दर्शन अवश्य करे क्यूंकि इस झूले पर से माँ गंगा और हरियाली से भरे पहाड़ देखना एक रोमांचकारी अनुभव है |
हरे भरे पहाड़ो के कारण गंगा जी का जल भी हरे रंग का दिखाई देता है और यहाँ गंगा जी का पानी इतना साफ है की आप देखोगे तो सोचोगे चलो यार यही स्नान कर लिया जाय |

लक्ष्मण झूला -ऋषिकेश

लक्ष्मण झूला ऋषिकेश का सबसे प्रसिद्द पर्यटक स्थल है जहाँ लगभग हर पर्यटक अपनी तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर डालता है। लक्षमण झूले का इतिहास काफी पौराणिक है ऐसा माना जाता है की मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम के अनुज लक्ष्मण ने यहाँ 2 जूट की रस्सियों का पुल बनाकर गंगा नदी को पार किया था उनकी इसी शक्ति प्रदर्शन से प्रेरणा लेकर सन 1889 में यहाँ सरकार ने 284 फीट लम्बे झूलते हुए पुल का निर्माण किया जो की देश भर से आये पर्यटकों के लिए एक मुख्य आकर्षण का केंद्र था। Lakshman Jhula, Rishikesh लेकिन समय समय पर आती रही भयंकर बाढ़ के दौरान वह स्थिर नहीं रह पाए और फिर सन 1924 में इसका निर्माण दोबारा से कराया गया जिसको इस बार मजबूती से लोहे की सस्पेंशन रोड के द्वाटा बनाया गया है जो की आज तक भी यथा स्तिथि में मौजूद है और यहाँ आने वाले पर्यटक इसी पुल का इस्तेमाल करके गंगा नदी के इस ओर से दूसरी ओर जाते है जहाँ गंगा नदी के एक तरफ प्रसिद्द मंदिर, आश्रम और धर्मशालाएं है वहीं दूसरी ओर होटल्स, रेस्टोरेंट और पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। लक्षमण झूला पर आप दोपहिया वहां लेकर भी आ जा सकते है वहां रहने वाले लोग इस पुल का इस्तेमाल नियमित तौर पर करते है।


परमार्थ निकेतन आश्रम - ऋषिकेश

परमार्थ निकेतन आश्रम विश्व भर में सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल जिसके अनुयायी विश्व भर में फैले हुए है। ऋषिकेश आने वाले लगभग ज्यादातर पर्यटकों का शाम का मुख्य आकर्षण परमार्थ निकेतन आश्रम होते है जहाँ गंगा जी की महाआरती का विशेष आयोजन किया जाता है जिसमे देश के प्रसिद्द बॉलीवुड हस्तियों और संगीतकारों को आप अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए देख सकते है।
इस आश्रम का निर्माण सन 1940 में स्वामी सुखदेवानंद जी और उनके संतो के समूह द्वारा गंगा नदी किनारे ध्यान और योग के लिए उचित स्थान के रूप में किया था जैसे जैसे संतो और भक्तों का जमावड़ा होता गया यहाँ मुख्य भवनों का निर्माण भी शुरू हो गया जिनमे बड़े बड़े सत्संग हॉल, योग और ध्यान की प्रयोग शालाएं फूलों के बगीचे, फलों के वृक्ष, डॉक्टर सम्बन्धी सुविधाएं, पुस्तकालय अथवा पूजा विशेष मुख्य है।  इसके उपरांत इस भवन का नाम स्वामी जी द्वारा परमार्थ निकेतन दिया गया जो की वर्तमान में ऋषिकेश में अध्यात्म का मुख्य आकर्षण है। यहाँ लोग योग, साधना और अध्यात्म की खोज में विश्व भर से आते है यहाँ यात्रियों के ठहरने के लिए भी उचित व्यवस्था मौजूद है जहाँ वाजिफ दामों में उच्च स्तरीय व्यवस्था मिलती है अथवा परमार्थ निकेतन ट्रस्ट द्वारा आपका पूरा ख्याल रखा जाता है। इस आश्रम का समस्त वातावरण बहुत ही खूबसूरत एवं ऊर्जा प्रदान करने वाला है जहाँ आकर हर कोई प्रभु भक्ति में लीं हो जाता है।यहाँ की विशेष आरती ऋषिकेश के आकर्षण का मुख्य केंद्र है जहाँ शाम होते ही कोने कोने से पर्यटक एवं श्रद्धालु परमार्थ निकेतन के घाट पर एकत्र होकर गंगा माँ की आरती का आनंद प्राप्त करते है।


नीलकंठ महादेव मंदिर

ऋषिकेश से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है नीलकंठ महादेव मंदिर जो की भारत वर्ष में भगवान् शिव के प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है यहाँ मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है और यहाँ वर्षभर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। श्रवण मॉस के दौरान यहाँ बहुत बड़ा मेला लगता है और भगवान् शिव के दर्शन करने लोग देश के कोने कोने से यहाँ पहुँचते है। यह मंदिर ऋषिकेश के समीप पौर गढ़वाल राज्य में स्थित है जो को घने जंगलों के बीच स्थित हे नीलकंठ महादेव का स्थान नर नारायण पर्वत श्रृंखलों से जुड़ा हुआ है और यहाँ जाने के लिए आपको ऋषिकेश से टेक्सी और बस आसानी से उपलब्ध होते है। कुछ पर्यटक यहाँ कुदरत के बेहतरीन नज़रों का आनंद लेते हुए राम झूला से पैदल यात्रा करके भी यहाँ पहुँचते है जिसकी लगभग दूरी 22 किलोमीटर है यहाँ के सुंदर दृश्य आपका मन मोह लेते है यह मंदिर एक बड़े से प्रांगण में ऊपर से नीचे की तरफ बना हुआ है जिसके ऊपरी सिखर पर समुद्र मंथन का दृश्य है जहाँ एक तरफ दानव और एक तरफ देवता शेषनाग रूपी रस्सी से समुद्र का मंथन करते नज़र आते है। पौराणिक कथाओ के आधार पर यह मन जाता है की यही वह स्थान है जहाँ भगवान् शिव ने समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को अपने कंठ में प्रवेश कराया वह तभी से इस स्थान का नाम नील कंठ महादेव पद गया।

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश 

त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का प्रमुख पर्यटन स्थल है जहाँ हजारो पर्यटक सुबह शाम गंगा आरती एवं गंगा स्नान का आनंद लेने एकत्र होते है। त्रिवेणी घाट बहुत ही सुन्दर एवं बड़ा घाट है जो की गंगा नदी की दूसरी तरफ बसा हुआ है यह स्थान मुख्य रूप से छोटे होटल, बाजार एवं धर्मशालाओं का जमावड़ा है। त्रिवेणी घाट पर बहुत ही उचित दामों में ठहरने के लिए धर्मशालाएं और होटल उपलब्ध है ऐसा माना जाता है की त्रिवेणी घाट पर पौराणिक काल में देवता भी स्नान करते थे और यह मान्यता हे की यहाँ स्नान करने से व्यक्ति के जीवन में किये हुए सारे पाप धूल जाते है। यहाँ स्नान करने के उपरांत घाट पर उपस्थित नारायण मंदिर के दर्शन करते है और उसके उपरांत यहाँ होने वाली महा गंगा आरती का आनंद लेते है। Triveni Ghat, Rishikesh परमार्थ निकेतन के बाद ऋषिकेश में यह दूसरा स्थान है जहाँ महा आरती का आयोजन किया जाता है। यहाँ पुरोहितों का एक समूह पीले वस्त्र धारण किये बड़े बड़े घी के जलते हुए दिए, घंटे और संख के साथ में संस्कृत में मन्त्रों के उच्चारण के साथ इस महा आरती की शुरुआत करते है। यहाँ इस मनभावन दृश्य का लुत्फ़ उठाने दूर दूर से लोग आते है और इस त्रिवेणी घाट के अविश्वमनय पलों का आनंद प्राप्त करते है। यहाँ के बाजार भी बहुत ही आकर्षक है जिनमें आप रंग बिरंगे परिधान, खिलोने, पूजा सम्बन्धी वस्तुए, श्रृंगार एवं रुद्राक्ष की माल और मूर्तियां खरीद सकते है। त्रिवेणी घाट से बहार निकलते है आपको खाने पीने के प्रसिद्द भोजनालय एवं मिठाई की दुकाने देखने को मिलती है जहाँ आप मन चाहे व्यंजन और मिठाइयों का स्वाद ले सकते हैं। यहाँ के प्रसिद्ध शाकाहारी भोजनालय में सबसे प्रसिद्द भोजनालय हे राजस्थली भोजनालय जहाँ का खाना बेहद लजीज और स्वादिष्ट है और यह हर वक़्त सैलानियों से भरा रहता है।


स्वर्ग आश्रम -ऋषिकेश

यु तो ऋषिकेश में हजारो धर्मशालाएं और मंदिर है पर स्वर्ग आश्रम वहां का सबसे प्राचीन और लोकप्रिय आश्रम है जिसकी ख्याति विश्व भर में प्रसिद्द हे स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश का सबसे व्यस्त आश्रम है जो की राम झूले से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। इस आश्रम का निर्माण स्वामी विशुद्धानन्द जी की स्मृति में किया गया था जिन्हे लोग काली कमली वाले बाबा के नाम से भी जानते है "काली कमली " का अर्थ होता है काला शॉल और इस आश्रम का पूर्व में नाम काली कमली आश्रम था। ऋषिकेश में जो लोग अध्यात्म की खोज में आते है उनके लिए यह स्थान उपयुक्त है जहाँ हर वक़्त बड़े बड़े भक्तिमय कार्यक्रम, भगवत कथाये, संगीतमय कार्यक्रम, ध्यान एवं योग की प्रयोगशालाएं चलती रहती है। यहाँ श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए उचित दाम पर रहने की सुविधा भी उपलब्ध है यहाँ का वातावरण काफी शुद्ध है जहाँ आपको गंगा किनारे हरे भरे पेड़ पौधे, पहाड़ और झरने देखने को मिलते है। यहाँ आश्रम के प्रांगण में ही काफी सूंदर बगीचे मोजूद है जिनमे खूबसूरत फूल और फलों के वृक्ष लगे हुए है यहाँ आश्रम की खुद की मेडीकल सम्बंधित सुविधाएं, पुस्तकालय, दूध की डेटी, योग और ध्यान के आश्रम एवं सभी तरह की जरूरी सुविधाएं उपलब्ध है। यहाँ आने वाले ज्यादातर पर्यटक इस प्राकर्तिक वातावरण का आनंद लेने की वजह से ही स्वर्ग आश्रम में प्रवास करते है। अगर आप ऋषिकेश यात्रा पर है तो एक बार इस मनभावन स्थान का भ्रमण जरूर करके आये।

नीर झरना -ऋषिकेश

 

यह पर्यटन स्थल ऋषिकेश के कुछ अनछुए स्थानों में से एक है जहाँ बहुत ही खूबसूरत प्राकर्तिक नज़रों का समावेश है। नीट झरना आज भी काफी लोगों की नज़र से दूर है क्युकी यहाँ के बारे में सभी पर्यटकों को बहुत अधिक जानकारी नहीं होती यह स्थान लक्ष्मण झूला जो की वहां का मुख्य पर्यटन स्थल है से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहाँ आपको बड़ो के लिए 30 रुपए का टिकट लेने के बाद ऊपर झरने तक जाने का अवसर मिलता है यहाँ दो प्राकर्तिक झरने है जो की पहाड़ों के बीच से बैठे है पहला झरना कुछ दूर चलने पर आ जाता है जबकि दूसरे झरने के लिए आपको एक किलोमीटर ऊपर चढ़के जाना होता है यहाँ काफी लोग पिकनिक मानाने आते है और प्रकृति की गोद में बसा हुआ यह बहुत ही रमणीक स्थल है।यहाँ आपको पहाड़ के दोनों तरफ से तेज़ गति में झरने बहते हुए मिलते है जिन्हें एक पुल के माध्यम से आपस में जोड़ा गया है जो की देखने में बहुत हु सूंदर लगता है और इस पुल के माध्यम से लोग दोनों तरफ आजा सकते है। यहाँ आपको खाने पीने के लिए चाय और नास्ते के स्टाल्स मिल जाते है जहाँ आप झरने के समीप बैठकर शानदार मैगी नूडल्स का आनंद ले सकते है यहाँ 10 वर्ष तक के आयु के बच्चो के लिए टिकट फ्री है और इस जगह को घूमने का आनंद आप गर्मियों में बेहतर ले सकते है जब आप यहाँ झरनो में स्नान कर सकते है।


बीटल्स आश्रम -ऋषिकेश

ऋषिकेश में राम झूला से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है बीटल्स आश्रम जिसे पूर्व में लोग चौरासी कुटिया आश्रम के नाम से जानते थे। इस अहराम का निर्माण पहुँचनहे हुए संत स्वामी महेश योगी जी ने योग और साधना के केंद्र के रूप में की थी जहाँ लोग देश के अलग अलग स्थानों से आकर स्वामी महेश योगी जी की शरण में योग और साधना का प्रशिक्षण लेते थे। सन सत्तर के दशक में यूरोप के मशहूर बैंड बीटल्स के कलाकरों ने यहाँ श्री महेश योगी जी के आश्रम में रहकर योग और साधना का प्रशिक्षण लिया था बीटल्स बैंड उस्वक्त दुनिया के सबसे कामयाब बैंड्स में से एक था अथवा उनके ऋषिकेश प्रवास की खबर दुनिया भर में फ़ैल गयी और इस चौरसिया कुटिया आश्रम को लोग बीटल्स • आश्रम के नाम से जाने लगे। Beatles Ashram Rishikesh इस आश्रम के अंदर सीमेंट से बानी हुई 84 झोपड़ियां थी जहाँ वह रहकर योग और साधना का प्रशिक्षण लेते थे वो लगभग एक माह से अधिक समय तह इसी स्थान पर रहे और अपने प्रवास के दौरान उन्होंने कई गाने लिखे जो की आगे चलकर सरे विश्व में मसहूर हुए। उनके इस प्रवास के दौरान वह लोग आश्रम के सत्संग हाल और दीवारों पर तरह तरह की चित्रकारी की जिसे लोग उनके वहां से जाने के बाद देखने आते है। ऐसा मन जाता है की बीटल्स के वहां प्रवास के उपरान्त ही ऋषिकेश को दुनिया भर में योग की राजधानी के रूप में जाना जाता है। वर्तमान में यहाँ महेश योगी जी के आश्रम के अवशेष है और अब यह जगह सरकारी संपत्ति है जिसका भ्रमण करने के लिए आपको लगभग 100 रुपये का शुल्क अदा करना होता है। यहाँ आकर लोग बीटल्स जैसे मशहूर बेंड और आध्यात्म के बीच के जुड़ाव को महसूस करते है।



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