मसूरी में घूमने के लिए प्रसिद्ध जगह और कैसे जाये सम्पूर्ण जानकारी
छुट्टियां बिताने के लिए मसूरी बहुत ही अच्छी जगह है। हर साल यहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक प्रकृति का आनंद उठाने के लिए आते हैं।
मसूरी भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक पर्वतीय नगर है, जिसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मसूरी उन स्थानों में से एक है जहाॅं लोग बार-बार आते जाते हैं। घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में यह एक है। यह पर्वतीय पर्यटन स्थल हिमालय पर्वतमाला के मध्य हिमालय श्रेणी में पड़ता है, जिसे पहाड़ोंकी रानी भी कहा जाता है। इसी कारण यह शहर पर्यटकों के लिये परीमहल जैसा प्रतीत होता है। मसूरी गंगोत्री का प्रवेश द्वार भी है।देहरादून में पायी जाने वाली वनस्पति और जीव-जंतु इसके आकर्षण को और भी बढ़ा देते हैं। दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए यह लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन पर्यटन स्थल है। बहुत ही सुदंर नगर है ।
मसूरी दिल्ली और अन्य मुख्य नगरों से सड़क द्वारा अति सुगम है। इसे गंगोत्री, यमुनोत्री आदि उत्तर भारतीय तीर्थ स्थलों का प्रवेशद्वार कहा जाताहै। समीपतम रेलवे स्टेशन देहरादून है। यहां टैक्सियां और बसें नियमित उपलब्ध रहतीं हैं।
मसूरी भ्रमण का सर्वश्रेष्ठ समय मध्य मार्च से मध्य नवंबर का है, जिसमें वर्षाकाल जुलाई से सितंबर तक, परेशान कर सकता है,। इस काल में वर्षा तो होती ही है, इसके अलावा यहां कोई भी दूरवर्ती पर्वत दृश्यन हीं होते, बादलों के कारण।
कहाँ घूमें, क्या देखें?
उत्तराखंड का ये फेमस हिल स्टेशन आज भी लोगों की पसंद बना हुआ है। इस जगह पर सिर्फ कपल्स ही नहीं फैमिली और दोस्तों के साथ भी आ सकते हैं। यहाँ आप कई टूरिस्ट स्पाॅट, व्यू पॉइंटऔर मार्केट को देख सकते हैं। इस हिल स्टेशन को आप जितना अपने कदमों से देखेंगे, उतना ही ये आपको पसंद आएगा। यहाँ की कुछ फेमस जगहें हैं जिनको आपको ज़रूर देखना चाहिए।
मसूरी के सबसे फेमस स्पाॅट में से एक है, गन हिल। गन हिल मसूरी की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है। माॅल रोड से गन हिल 800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। आप गन हिल पर केबल कार रोपवे से जा सकते हैं। रोपवे से आपको शानदार नज़ारे देखने को मिलेंगे। वहाँ से आपको मसूरी शहर तो दिखेगा ही दूर-दूर की मनोरम पहाड़ियाँ भी नज़र आएँगी। आप चाहें तो रोपवे से जा सकते हैं या आधे घंटे का लंबा ट्रेक करके भी पहुँच सकते हैं। गन हिल की पहाड़ी से आप टेलीस्कोप से हिमालय की पहाड़ियों को और करीब से देख सकते हो
यमुनोत्री रोड पर मसूरी से 15 कि॰मी॰ दूर 4500 फुट की ऊंचाई पर यह इस सुंदर घाटी में स्थित सबसे बड़ा और सबसे खूबसूरत झरना है, जो चारों ओर से ऊंचे पहाड़ों से घिरा है। झरने की तलहटी में स्नान तरोताजा कर देता है और बच्चों के साथ-साथ बड़े भी इसका आनंद उठाते हैं। मसूरी-यमुनोत्री मार्ग पर नगर से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित यह झरना पांच अलग-अलग धाराओं में बहता है, जो पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र बना रहता है। यह स्थल समुद्रतल से लगभग 4500 फुट की ऊंचाई पर है। इसके चारों ओर पर्वत श्रृंखलाएं दिखाई देती हैं। अंगरेज अपनी चाय दावत अकसर यहीं पर किया करते थे, इसीलिए तो इस झरने का नाम कैंपटी (कैंप+टी) फाल है। यमुनोत्री के रास्ते में 1370 मीटर की ऊंचाई पर कैम्प्टी जलप्रपात स्थित है। मसूरी से इसकी दूरी 15 किलोमीटर है। यह मसूरी घाटी का सबसे सुंदर जलप्रपात है।
ऊंचे-ऊंचे पर्वतों से घिरे इस जलप्रपात के मनभावन नजारे लोगों का दिल जीत लेते हैं। यहां की शीतलता में नहाकर पर्यटकों का मन तरोताजा हो जाता है। खासतौर से गर्मी के मौसम में कैम्प्टी जलप्रपात में स्नान करने का अनुभव आप जिंदगी भर नहीं भुला पाएंगे।
कैम्प्टी जलप्रपात के निकट कैम्प्टी झील है। लोग यहां पर अपने परिवार एवं मित्रों के साथ समय बिताने के लिए आते हैं। यहां उपलब्ध नौकायन और टॉय ट्रेन की सुविधा बच्चों को खासा लुभाती है। यही नहीं, यह स्थल पिकनिक मनाने के इच्छुक लोगों में बहुत ही लोकप्रिय है।
मसूरी-देहरादून रोड पर यह नया विकसित किया गया पिकनिक स्पॉट है, जो मसूरी से लगभग 6 कि॰मी॰ दूर है। यह एक आकर्षक स्थान है। यहां पैडल-बोट उपलब्ध रहती हैं। यहां से दून-घाटी और आसपास के गांवों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
लाल टिब्बा, मसूरी की सबसे ऊँची जगह है, जहाँ से हिमालय की श्रृंखलाएँ दिखाई देती हैं। इस जगह को डिपो हिल भी कहा जाता है क्योंकि एक डिपो इस जगह पर स्थित है। लाल टिब्बा मसूरी के लैंडऑर में स्थित है। लाल टिब्बा का अर्थ है लाल पहाड़। ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन के टॉवर और सेना की एक छावनी भी इस पहाड़ी पर स्थित है। आसपास के शानदार नज़ारों के लिए यहाँ एक जापानी टेलीस्कोप 1967 से है। उस टेलीस्कोप से आप बंदेरपुंछ, केदारनाथ और बद्रीनाथ को भी देख सकते हैं। लाल टिब्बा जाएँ तो ठंड से बचने के पूरे सामान साथ लेकर जाएँ। लैंडऑर में कोई होटल नहीं है, इसलिए रहने की योजना बनाकर पहले से ही जाएँ। लाल टिब्बा के रास्ते में ही फेमस राइटर रस्किन बॉन्ड का घर है, आप उसको देखते हुए भी जा सकते हैं।
चाइल्डर्स लॉज
लाल टिब्बा के निकट यह मसूरी की सबसे ऊंची चोटी है। टूरिस्ट कार्यालय से यह 5 कि॰मी॰ दूर है, यहां तक घोड़े पर या पैदल भी पहुंचा जा सकता है। यहां से बर्फ के दृश्य देखना बहुत रोमांचक लगता है।
कैमल बैक रोड
कुल 3 कि॰मी॰ लंबा यह रोड रिंक हॉल के समीप कुलरी बाजार से आरंभ होता है और लाइब्रेरी बाजार पर जाकर समाप्त होता है। इस सड़क पर पैदल चलना या घुड़सवारी करना अच्छा लगता है। हिमालय में सूर्यास्त का दृश्य यहां से सुंदर दिखाई पड़ता है। मसूरी पब्लिक स्कूल से कैमल रॉक जीते जागते ऊंट जैसी लगती है।
यह फाल मसूरी-झड़ीपानी रोड पर मसूरी से 8.5 कि॰मी॰ दूर स्थित है। पर्यटक झड़ी- पानी तक 7 कि॰मी॰ की दूरी बस या कार द्वारा तय करके यहां से पैदल 1.5 कि॰मी॰ दूरी पर झरने तक पहुंच सकते हैं।
कैसे पहुँचे?
कब जाएँ?
मसूरी में ठहरने की जगह ?
मसूरी के प्रसिद्ध भोजन
फानू यह भोजन गढ़वाल में उत्पन्न हुआ था लेकिन मसूरी में पर्यटकों की सबसे ज्यादा यात्रा होने के कारण अब वहां पर भी यह भोजन मिलता है।
मसूरी घूमने का कुल खर्च
मसूरी हिल स्टेशन के लिए प्रसिद्ध है, जहां पर ऊंचे ऊंचे पहाड़, झरने, मंदिर, झील और प्राकृतिक सुंदरता का लुफ्त उठाया जा सकता है।
मसूरी में बहुत ज्यादा मसूर के पेड़ पाए जाते हैं और उसी के आधार पर इस स्थान का नाम मसूरी पड़ा।
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