नैनीताल में घूमने की जगह | Nainital Me Ghumne Ki Jagah

 नैनीताल में घूमने की जगह | Nainital Me Ghumne Ki Jagah

हेलो दोस्तो आज के इस लेख में हम आपको नैनीताल में घूमने के लिए प्रसिद्ध जगह और, नैनीताल घूमने में कितना खर्चा आता है?, नैनीताल का आकर्षण क्या है, नैनीताल घूमने कब जाये, नैनीताल में घूमने,रहने,खाने का कुल खर्चा,व प्रसिद्ध भोजन के बारे में बताएँगे अगर आप नैनीताल में कम खर्चे में घूमना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।

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उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र का मुख्य पर्यटन स्थल नैनीताल को झीलों का शहर कहा जाता है। यूं तो उत्तराखंड में घूमने को काफी कुछ है. लेकिन अगर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध कोई जगह है तो वह नैनीताल और ऋषिकेश है झीलों के शहर के नाम से प्रसिद्ध नैनीताल में घूमने के लिए बेशुमार जगहें हैं। घूमने का शौक रखने वाले गर्मियों और सर्दियों, दोनों ही मौसम में हिल स्टेशन जाना पसंद करते हैं। दिल्ली एनसीआर के आसपास रहने वालों के लिए सबसे अधिक हिल स्टेशन के विकल्प उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हैं, जो कम समय और बजट में घूमने के लिए सबसे बेहतरीन हो सकते हैं। इन्हीं सस्ते और सुंदर हिल स्टेशनों में नैनीताल का नाम आता है। नैनीताल पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है। यहां के प्राकृतिक नजारे, पहाड़, हरियाली और झील आपका मन मोह लेगी। नैनीताल में घूमने के लिए कई पर्यटन स्थल हैं।अप्रैल- मई के महीने में नैनीताल जाने की योजना है तो इस हिल स्टेशन के मशहूर पर्यटन स्थलों के बारे में जरूर जान लें। ये रहे नैनीताल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, जिन की सैर ट्रिप का मजा दोगुना कर देगी।

नैनीताल के दर्शनीय स्थल- नैनीताल में घूमने लायक जगह

1. नैनी झील

नैनीताल का मुख्‍य आकर्षण यहाँ की झील है सात अलग-अलग पर्वत की चोटियों से घिरी यह झील कुमाऊँ क्षेत्र की सबसे प्रसिद्ध झील है। अपने खूबसूरत नज़ारों के लिए मशहूर यह नैनीताल दर्शनीय स्थल लोगों के बीच पिकनिक का बहुत प्रचलित स्थान है जहाँ बैठकर आप ढलते सूरज की विलुप्त होती लालिमा को देख पाऐंगे। शाम के वक्त आप ऐसे सौंदर्य पूर्ण वातावरण का गमन भी कर सकते है जहाँ आप झील में विचरण करते बत्तखों को भी देख पाऐंगे। आप झील के पास स्थित नैना देवी मंदिर के दर्शन करके मन को और अधिक शांति भी प्रदान कर सकते हैं। इस खूबसूरत झील में नौकायन का आनंद लेने के लिए लाखों देशी-विदेशी पर्यटक यहाँ आते हैं।

2. मॉल रोड़

नैनी झील के सहारे बनी यह सड़क मल्लीताल व तल्लीताल को जोड़ती है जिसे अब गोविंद बल्‍लभ पंत मार्ग कहा जाता है। यहां बहुत सारे होटल, रेस्‍टोरेंट, ट्रैवल एजेंसी, दुकानें और बैंक हैं। यहाँ आपको हर वक्त चहल-पहल का माहौल देखने को मिलेगा। उत्तराखण्डी संस्कृति व पारंपरिक स्वादिष्ट खाने का मिश्रण आपको यहाँ देखने को मिलेगा। खरीदारी के लिए भी यह उपयुक्त स्थान है जहाँ आपको सुंदर गर्म कपड़े आसानी से मिल जाऐंगे।

3. स्नो व्यू पॉइन्ट

यह शहर का एक मात्र चोटी है जहॉ पर आप सडक मार्ग अथवा रज्जु मार्ग (रोप वे) से भी जा सकते हैं। स्नो व्यू की दूरी नैनीताल शहर से मात्र 2.5 किलोमीटर है । इस चोटी से पर्यटक हिमालय के दर्शन कर सकते हैं । यहॉ से दूर दूर तक फैले पहादों एवं घाटियों को भी देखा जा सकता है । इस पहाडी पर एक मंदिर भी बनाया गया है । साथ ही बच्चों के लिए एक छोटा सा पार्क भी उपलब्ध है । स्नो व्यू पॉइंट पर करने के लिए बहुत सारी मज़ेदार गतिविधियाँ हैं जहाँ बच्चे और वयस्क अपने शूटिंग कौशल का प्रदर्शन करना पसंद करते हैं। स्नो व्यू प्वाइंट अब बच्चों का स्थान बन गया है, क्योंकि यहां बच्चों के लिए शानदार खेल और सवारी हैं, जहां वे शानदार उपहार और पुरस्कार जीत सकते हैं।आप पारंपरिक पहाड़ी पोशाक पहने हुए अपनी कुछ शानदार तस्वीरें भी क्लिक करवा सकते हैं


4. टीफिन टॉप

टिफिन टॉप का नाम एक अंग्रेज पैंटर महिला के नाम पर डोरोथी सीट रखा गया था। जिसका नाम केलेट डोरोथी था।यह पर्यटक स्थल नैनीताल शहर से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी एवं समुद्र तल से 2292 मीटर की ऊंचाई पर अयारपाटा क्षेत्र में है। पर्यटक यहॉ पर जाने हेतु पहाड के टेडे मेडे रास्तों से होकर गुजरते हुए अचानक इस खूबसूरत जगह पर पहुंंचते हैं इसमें उन्हेंं बडेंं आनंद की अनुभूति होती है साथ ही प्रकृति को करीब से निहार सकते हैं । पर्यटक यहाँ से ग्रामीण परिदृश्यों के साथ शक्तिशाली हिमालय पर्वतमाला के प्रभावशाली दृश्यों का आनंद भी ले सकते हैं नैनीताल के पर्यटन स्थल में शुमर यह जगह आपको पूरे नैनीताल का दृश्य दिखाएगी। चारों तरफ चीड़, ओक व देवदार से घिरा यह स्थल आपको खुशनुमा व शांति के वातावरण से रूबरू करवाएगा। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको यहाँ भरपूर तसल्ली मिलेगी। तसल्ली भी ऐसी-वैसी नहीं, मन को आनंदमयी करने वाली।


5. नैना देवी मंदिर

नैनी झील के उत्‍तरी किनारे पर नैना देवी मंदिर स्थित है। १८८० में भूस्‍खलन से यह मंदिर नष्‍ट हो गया था। बाद में इसे दुबारा बनाया गया। यहां सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस जगह देवी सती के नेत्र गिरे थे इसलिए इस मंदिर का नाम नैना देवी रखा गया। हिंदुओं के प्रमुख तीर्थस्थलों में इसे भी शामिल किया गया है। यहाँ मौजूद पीपल का पेड़ शताब्दियों से लगा हुआ है जो लोगों में आकर्षण का केंद्र है। आप यहाँ आकर भक्ति में लीन हो सकते हैं। पहले मंदिर तक पहुँचने के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ती थी पर अब यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उड़नखटोलों की व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं को मुश्किल का सामना न करना पड़े। माँ नैना देवी की असीम कृपा हमेशा अपने भक्‍तों पर रहती है। हर वर्ष माँ नैना देवी का मेला नैनीताल में आयोजित किया जाता है।


6. ईष्ट देवी-नंदा देवी

समस्त गढ़वाल-कुमाऊँ की एकमात्र इष्ट देवी 'नन्दा' ही है। इस पर्वतीय अंचल में नंदा की पूजा और अर्चना जिस प्रकार की जाती है वह अन्यत्र देखने में नहीं आती। नैनीताल के ताल की बनावट भी देखें तो वह आँख की आकृति का 'ताल' है। इसके पौराणिक महत्व के कारण ही इस ताल की श्रेष्ठता बहुत आँकी जाती है। नैनी (नंदा) देवी की पूजा यहाँ पर पुराण युग से होती रही है। समस्त पर्वतीय अंचल में नंदा को ही इष्ट देवी के रूप में स्वीकारा गया है अतः नन्दापार्वती की पूजा - अर्चना के रूप में इस स्थान का महत्व युगों-युगों से आंका गया है। यहाँ के लोग इसी रूप में नन्दा के 'नैनीताल' की परिक्रमा करते आ रहे हैं।



7. ज्योलिकोट

नैनी झील का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला यह स्थान मनमोहने वाला नैनीताल दर्शनीय स्थल है। तरोताजा़ फल-फूलों व कई प्रकार की तितलियाँ का निवास स्थान यही है। प्रकृति से प्रेम करने वालों का यहाँ स्वागत है। आप यहाँ आकर रंग-बिरंगी तितलियों की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर सकते है। बच्चे भी यहाँ आकर खूब लुत्फ़ उठा पाऐंगे और अपने छोटे से अवकाश को यादगार बना पाऐंगे। इन तितलियों की तरह आपका मन भी बेफिक्र होकर झूम उठेगा और आपके मन में खुशी की तरंगें चलने लगेगी।



8. जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान


यह गौरवशाली पशु विहार है। यह रामगंगा की पातलीदून घाटी में बसा हुआ है। कुमाऊँ के नैनीताल जनपद में यह उद्यान विस्तार लिए हुए हैं। कार्बेट नेशनल पार्क में पर्यटकों के भ्रमण का समय नवंबर से मई तक होता है। इस मौसम में कई ट्रैवल एजेन्सियाँ कार्बेट नेशनल पार्क में पर्यटकों को घुमाने का प्रबन्ध करती हैं। कुमाऊँ विकास निगम भी प्रति शुक्रवार को दिल्ली से कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान तक पर्यटकों को ले जाने के लिए संचालित भ्रमणों (कंडक टेड टूर्स) का आयोजन करता है। कुमाऊँ विकास निगम की बसों में अनुभवी मार्गदर्शक होते हैं जो पशुओं की जानकारी, उनकी आदतों को बताते हुए बातें करते रहते हैं। यहाँ पर शेर, हाथी, भालू, बाघ, सुअर, हिरण, चीतल, साँभर, पाण्डा, काकड़, नीलगाय, घुरल और चीता आदि 'वन्य प्राणी' अधिक संख्या में मिलते हैं। इसी प्रकार इस वन में अजगर तथा कई प्रकार के साँप भी निवास करते हैं।

 

9. नैनीताल चिड़ियाघर पं.बल्लभ पंत ज़ू

यदि आपको विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी को देखने का शौक है तो आप नैनीताल चिड़ियाघर घूमने आ सकते हैं। यह चिड़ियाघर 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण इसे ऊंचाई का चिड़ियाघर भी कहा जाता है। इस चिड़ियाघर को उत्तराखंड राज्य का सबसे पुराना चिड़ियाघर माना जाता है। चिड़ियाघर का निर्माण 1984 में नैनीताल के तल्लीताल क्षेत्र में शेर का डंडा पर्वत पर किया गया था। हालांकि दर्शकों के लिए 1 जून 1995 को इसे खोला गया था। इस चिड़ियाघर में बंगाल टाइगर, तिब्बती भेड़िया, हिमालयन काला भालू, जापानी लंगूर, पहाड़ी तीतर, भोकने वाला हिरण, तेंदुआ एवं मैदानी गिद्ध जैसे कई प्रकार के पशु पक्षियों को देख सकते हैं। स्थान बहुत से जानवरों का निवास स्थान है जैसे-तेंदुआ, पहाड़ी लोमड़ी, भेड़िए, हिरन, हिमालयी काला भालू, सफ़ेद मोर और आदि। बहुत से विलुप्त होते पक्षियों को भी आप यहाँ से वहाँ पंख पसारते नज़र आऐंगे। 2100 मीटर की दूरी में फैला यह स्थान लंबे-लंबे घने पेड़ पशु-पक्षियों को रहने में सहायता करते हैं। चिड़ियाघर में प्रवेश का समय सुबह 10:00 बजे से शाम के 4:30 बजे तक है। यह नैनीताल के बस स्टैंड से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप चाहे तो यहां पैदल भी 10 से 20 मिनट में पहुंच सकते हैं। वरना आप किसी भी प्रकार के वाहन की भी सवारी ले सकते हैं।



10. त्रिॠषि सरोवर


नैनीताल' के सम्बन्ध में एक और पौराणिक कथा प्रचलित है। 'स्कन्द पुराण' के मानस खण्ड में एक समय अत्रि, पुस्त्य और पुलह नाम के ॠषि गर्गाचल की ओर जा रहे थे। मार्ग में उन्हें यह स्थान मिला। इस स्थान की रमणीयता में वे मुग्ध हो गये परन्तु पानी के अभाव से उनका वहाँ टिकना (रुकना) और करना कठिन हो गया। परन्तु तीनों ॠथियों ने अपने - अपने त्रिशूलों से मानसरोवर का स्मरण कर धरती को खोदा। उनके इस प्रयास से तीन स्थानों पर जल धरती से फूट पड़ा और यहाँ पर 'ताल' का निर्माण हो गया। इसिलिए कुछ विद्वान इस ताल को 'त्रिॠषि सरोवर' के नाम से पुकारा जाना श्रेयस्कर समझते हैं।



11. हनुमानगढी

हनुमानगढ़ी नैनीताल में घूमने लायक धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण बाबा नीमकरोली ने सन 1950 में करवाया था। इस मंदिर की ऊंचाई समुद्र तल से 1951 मीटर है। नैनीताल के मुख्य शहर से हनुमानगढ़ लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आने के लिए आप किसी भी प्रकार के वाहन की मदद ले सकते हैं। यहां आपको ऊंचे पहाड़, पेड़ पौधे जैसे प्राकृतिक खूबसूरत नजारों के अतिरिक्त ढलते हुए सूरज को काफी सटीकता से देखने का भी मौका मिल सकता है।



नैनीताल में प्रसिद्ध भोजन-

नैनीताल एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जिसके कारण यहां पर उत्तराखंड के स्थानीय व्यंजन जैसे कि भट्टे की चुरकानी, बाड़ी, कई दलों से बनी रास, आलू के गुटके, अरसा, गुलगुला जैसी कई सारी तीखे, मीठे और खट्टे तीनों स्वाद से बने व्यंजन के साथ ही अन्य राज्यों के भी और कॉन्टिनेंटल फूड भी यहां काफी लोकप्रिय है।

यहां पर पर्यटक तंदूरी रोटी, दाल मखनी, दाल पनीर जैसे अन्य लोकप्रिय भारतीय व्यंजनों के भी स्वाद का आनंद ले सकते हैं।


नैनीताल घूमने का सबसे अच्छा समय-

नैनीताल उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बसा एक सुंदर शहर है। ऐसे में यदि आप नैनीताल घूमने जाना चाहते हैं तो सबसे अच्छा समय मार्च से जून तक का है। क्योंकि इस दौरान बाकी शहरों में काफी चिलचिलाती गर्मी होती है और उन गर्मी से बचने के लिए आप नैनीताल आ सकते हैं। नैनीताल में इस दौरान यहां पर 28 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है, जिससे आपको यात्रा करने में काफी आनंद भी आता है और मौसम बेहद सुहाना भी होता है। यदि आप बर्फ देखना चाहते हैं तो दिसंबर से फरवरी के बीच भी आ सकते हैं। इस दौरान यहां पर काफी बर्फ गिरता है और पहाड़ बर्फ से ढक जाते है। इस दौरान स्नो का आनंद उठा सकते है। लेकिन इस दौरान यहां पर ठंड काफी ज्यादा हो जाती है, तापमान लगभग शून्य से भी नीचे चला जाता है। इसके साथ ही यहां पर बरसात के समय कभी-कभी जमीन भी धंस जाती है। ऐसे में जुलाई से सितंबर का महीना नैनीताल की यात्रा के लिए इतना अच्छा तो नहीं है लेकिन इस दौरान यहां पर यात्रियों की कमी होने के कारण हर चीज काफी सस्ती हो जाती है। ऐसे में यदि आपका बजट कम है तो आप इस दौरान भी यहां की यात्रा करने आ सकते हैं।


नैनीताल कैसे पहुंचे?-

वायु मार्ग - यदि आप नैनीताल जाने के लिए हवाई जहाज का चयन करना चाहते हैं तो बता दे कि नैनीताल में कोई भी हवाई अड्डा नहीं है। लेकिन नैनीताल के निकट पंतनगर हवाई अड्डा है, जो नैनीताल से 55 किलोमीटर की दूरी पर है। एयरपोर्ट से मात्र 1 घंटे के समय में नैनीताल पहुंचा जा सकता है। यह एयरपोर्ट मुंबई, दिल्ली, कोलकाता जैसे भारत के कई बड़े शहरों के हवाई अड्डा से जुड़े हुए हैं।

सड़क मार्ग- नैनीताल की यात्रा के लिए आप सड़क मार्ग का भी चयन कर सकते हैं। क्योंकि नैनीताल भारत के सभी छोटे-बड़े शहरों के सड़क नेटवर्क से अच्छे से जुड़ा हुआ है। देहरादून से 275 किलोमीटर, दिल्ली से 298 किलोमीटर और ऋषिकेश से मात्र 242 किलोमीटर की दूरी पर नैनीताल पड़ता है। आप निजी बस या राज्य द्वारा संचालित बस से नैनीताल आ सकते हैं।

रेल मार्ग- नैनीताल के लिए यदि आप रेल मार्ग का चयन करते हैं तो उसका सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जो नैनीताल से मात्र 24 किलो की दूरी पर स्थित है। यह रेलवे स्टेशन उत्तराखंड के अन्य शहरों के अतिरिक्त लखनऊ देहरादून, जम्मू, कोलकाता, कानपुर, मुंबई जैसे भारत के अन्य कई शहरों के रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है। आपको अपने शहर से आसानी से नैनीताल के लिए ट्रेन मिल जाएगी।




नैनीताल में कहां ठहरे ?-

नैनीताल लोकप्रिय पर्यटक स्थल होने के कारण यहां पर कई छोटे-बड़े होटल अच्छी सुविधा और हाय से लो बजट के साथ मिल जाती है। यहां पर पर्यटकों का काफी आना-जाना होता है। इसीलिए रूम की बुकिंग पहले से ही करवा लेनी पड़ती है, जो आप ऑनलाइन भी कर सकते हैं।


नैनीताल का नाम नैनीताल क्यों पड़ा?

नैनीताल, भारत का एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है, जिसका नाम नैनी झील से लिया गया है, जो शहर का केंद्रबिंदु है। शब्द “नैनी” संस्कृत शब्द “नैना” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “आंख”। स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, नैनी झील को भगवान शिव की पत्नी, हिंदू देवी पार्वती की पन्ना हरी आंखों में से एक माना जाता है। नैनीताल नाम इस प्रकार “आँख की झील” या “देवी की आँख की झील” का प्रतीक है।


नैनीताल घूमने में कितना खर्चा आएगा

नैनीताल घूमने का कुल खर्च – ₹3000 (2 दिन में प्राइवेट होटल का किराया)+₹1800 (3 दिन में खाने-पीने का खर्च)+₹1200 (2 दिन के स्कूटी का रेंट)+₹500 (2 दिन में पेट्रोल का खर्च)+500(एंट्री फीस एवं अन्य खर्चा) = ₹7000

दोस्तों अगर आपको नैनीताल घूमने जाना है, तो आप नैनीताल घूमने का खर्च के इस आर्टिकल में बताई हुई सभी बातों को ध्यान में जरूर रखें, ताकि आपको नैनीताल घूमने का खर्च के साथ-साथ नैनीताल घूमने में भी काफी आसान हो सके। अगर आप इस तरह से नैनीताल घूमने के लिए 3 दिन और 2 रात का ट्रिप प्लान बनाते हैं, तो आपका नैनीताल घूमने का खर्च ₹7000 तक आ सकता है।


नैनीताल की यात्रा के दौरान कौन-कौन सी चीजे अपने साथ रखें?

नैनीताल में अक्सर ठंड का माहौल रहता है। ऐसे में नैनीताल की यात्रा के दौरान जरूरी है कि आप जलवायु के अनुरूप अपने साथ कपड़े रखें। नैनीताल की यात्रा के दौरान स्वेटर, जैकेट, दस्ताने मफलर, मोजे और सोल जैसे कुछ गर्म कपड़े जरूर लेकर जाएं।

गर्मी के मौसम के दौरान नैनीताल के मैदानी इलाकों में सूर्य की किरणें काफी तेज होती है, ऐसे में अपनी त्वचा को गर्मी से बचाने के लिए सनस्क्रीन, मॉइस्चराइज़र और लिप बाम अपने साथ रखें।

नैनीताल में एक से बढ़कर एक दुकान है, जहां पर आप अपने मनपसंद की कई सारी चीजें खरीद सकते हैं। यदि आपको शॉपिंग करना पसंद है और नैनीताल में शॉपिंग करना चाहते हैं तो अपने साथ एक अलग से कैरी बैग लेकर जरूर जाएं। क्योंकि वहां पर कई सारी आकर्षक चीजें मिलती है, जिसे खरीदे बिना आप रह नहीं सकते।

नैनीताल में आकर्षक पहाड़ियों के बीच एक प्रसिद्ध फुटबॉल ग्राउंड है, जहां पर आप विभिन्न प्रकार के खेल खेल सकते हैं। यदि आपको स्पोर्ट पसंद है तो अपने पसंद के अनुसार कोई भी एक स्पोर्ट कीट जैसे कि बैडमिंटन रैकेट, फुटबॉल या फिर क्रिकेट के सामान अपने साथ ले जा सकते हैं।

नैनीताल में पर्यटक ट्रैकिंग का आनंद लेते हैं। यदि आप भी ट्रैकिंग का अनुभव करना चाहते हैं तो अपने साथ ऐसे जूते को जरूर पैक करके लेकर जाएं, जो पहाड़ों पर चलने में सुविधाजनक हो।


निष्कर्ष

बर्फ से ढके पहाड़ों, झीलो और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए नैनीताल की ट्रिप का आयोजन एक बार जरूर करें। हमें उम्मीद है कि आज के इस लेख में नैनीताल की यात्रा से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी आपकी यात्रा को सुलभ बनाने में आपकी मदद करेगा।

आज के लेख में हमने आपको नैनीताल में घूमने की जगह, नैनीताल घूमने की गाइड दी, जिसे फॉलो करके आप बहुत आसानी से नैनीताल की यात्रा कर सकते हैं। इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करें और ऐसी ही Valuable Information के बारे में पढने के लिए हमारे Blog पर आते रहिये. धन्यवाद्


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